आठ ग्रहों की नजर मोदी पर

आयेंगे आश्चर्य जनक चुनाव परिणाम

 

मोदी जी की जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न और वृश्चिक राशि की है वृष राशि में पंच ग्रहीय योग होने से पांचों ग्रह सीधे सीधे वृश्चिक राशि को देखेंगे। मंगल मेष राशि से अष्टम दृष्टि से, राहु मीन राशि में नवम दृष्टि से, और शनि कुंभ राशि में दशम दृष्टि से वृश्चिक राशि को देखेंगे। इस तरह चार जून से सात जून तक मोदी जी की लग्न एवं राशि आठ ग्रहों के प्रभाव में रहेंगी।

वैदिक ज्योतिष एक वैज्ञानिक विद्या है। इसमें दो से अधिक ग्रह जब एक साथ एक ही राशि में आते हैं तो अशुभ माना जाता है। लेकिन यदि एक साथ तीन, चार या पांच ग्रह एक साथ एक राशि में आ जायें तो अशुभता में और वृद्धि के योग बनते है। कुछ इसी प्रकार के योग 29 मई से 12 जून 2024 में बन रहे हैं, जो काफी भयावह और डरने वाले हो सकते हैं। पहले से ही विश्व में चार पांच देशों में लड़ाई चल रही है, ऐसे में विश्व अन्य किसी आपदा को झेलने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है।

पंच ग्रहीय योग में वृश्चिक राशि पर गुरु की दृष्टि होने से इसके विपरित परिणाम में कमी आयेगी। परन्तु वृषभ राशि पूर्वी क्षेत्र उत्तरी क्षेत्र, पडोसी देशों की दिशा पर राहु और मंगल दो अशुभ ग्रहों का प्रभाव आने से पडोसी देशों पाकिस्तान और चीन से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। इस योग में राहु के शामिल होने से घात लगाकर बॉर्डर पर नुकसान पहुंचा सकता है।

भारत की कुंडली का द्वादश भाव मेष राशि, पर मेष राशि के मंगल का गोचर 4 जून को होने के कारण भारत का व्यय भाव यानी सीमाक्षेत्र सक्रिय हो जायेगा। व्यय का विस्तार 14 जुलाई तक अच्छा नहीं है। सीमा पर सैनिकों के लिए मंगल का गोचर प्रतिकूल रह सकता है।

संयोग से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है। 4 जून को वृश्चिक राशि पर 8 ग्रहों का प्रभाव रहेगा। चार जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम भी आना है। अतः चुनाव परिणाम अप्रत्याशित हों इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं ज्योतिष के अनुसार 2024 का शनि का अंक है। ज्योतिष के अनुसार शनि इस वर्ष के प्रधानमंत्री है। वैसे भी इस समय शनि भारत की कुंडली के दशम भाव पर बैठे हैं। 29 मई से 13 जून तक चतुर्ग्रही योग रहेगा। 4 जून की रात्रि से 7 जून तक शुक्र, बुध, गुरु, सूर्य और चंद्र वृषभ राशि आकर पंचग्रहीय योग का निर्माण कर रहे है। विशेष बात यह है कि यह योग भारत वर्ष की कुंडली के लग्न भाव पर बन रहा है।

4 जून, 2024 को रात्रि से आठ ग्रहों का प्रभाव वृश्चिक राशि पर रहने वाला है। इस दिन वृश्चिक राशि पर शुक्र, बुध, गुरु, सूर्य और चंद्र ग्रह की सप्तम दृष्टि, कुम्भ राशि स्थित शनि ग्रह की दशम दृष्टि, राहु मीन राशि एकादश भाव से नवम दृष्टि और मंगल मेष राशि द्वादश भाव से अष्टम दृष्टि सम्बन्ध वृश्चिक राशि पर बना रहे हैं।

8 ग्रहों का दृष्टि प्रभाव एक ही समय पर एक ही राशि पर आने से वृश्चिक राशि (जो कि भारत के पश्चिमी राज्य का प्रतिनिधित्व करता है) इस योग के फलस्वरूप पीड़ित हो सकतें है।

पश्चिमी राज्यों में गुजरात, महारष्ट्र और गोवा आते है। ये सभी राज्य इस काल अवधि में अशुभ ग्रह योग बनने के कारण अशुभता के प्रभाव में है।

पश्चिमी राज्यों में गुजरात, महारष्ट्र और गोवा आते है। ये सभी राज्य इस काल अवधि में अशुभ ग्रह योग बनने के कारण अशुभता के प्रभाव में रहेंगे।

पांचो ग्रह वृषभ राशि पर जो भारत की लग्न कुंडली के प्रथम भाव पर रहेंगे, अत: ऐसे में वृषभ राशि ( जो भारत के पूर्वी राज्य का प्रतिनिधित्व करता है) भी इस पांच ग्रह युति की चपेट में आ रहे है। इसमें असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम राज्य पूर्वी राज्य की श्रेणी में आते है। इसके अलावा बंगाल, उड़ीसा, बिहार और झारखंड भी भारत के पूर्वी राज्य है। जो अशुभता के प्रभाव में रहेगें।

19 मई 2024 से लेकर 20 जून 2024 के मध्य की अवधि भारत के पूर्वी राज्यों और पश्चिमी राज्यों विशेष रूप से पश्चिमी राज्यों के लिए कष्टकारी योग रहेगा।

स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार भारत के सप्तम भाव (पश्चिमी राज्य) की राशि वृश्चिक है। और वृश्चिक राशि जल तत्व राशि है और भारत के पश्चिमी राज्यों के निकट समुद्र भी है। ऐसे में समुद्र में तूफान, चक्रवात, सुनामी आने के योग इस समय में विशेष रूप से बन सकते है। वृश्चिक राशि जल तत्व, पर प्रभाव डालने वाले ग्रहों में शनि कुम्भ राशि वायु तत्व, राहु मीन राशि जलतत्व, वृषभ राशि भूमि तत्व, में सूर्य, शुक्र, बुध, गुरु, और चंद्र , मंगल मेष राशि अग्नि तत्व, का प्रभाव रहेगा।

जल तत्व की राशियों को जब वायु तत्व की राशियों का सहयोग प्राप्त होता है तो समुद्री साइक्लोन (समुद्री तूफान) आने के योग बनते है।

यह सर्विदित है कि जब-जब भूकंप आता है, तब तब समुद्री तूफान आने के योग भी बनते हैं। वृषभ राशि भूमि तत्व राशि है, इस राशि पर एक साथ पांच ग्रहों की युति भूमि तत्व को पीड़ित कर पूर्वी राज्यों में भूकंप आने कि संभावनाएं बना रही है। पंचग्रह युति गोचर योग पर गोचर के केतु ग्रह की नवम दृष्टि भी आ रही है। इससे भूमि खिसकने के योग बनते है।

पंच ग्रहीय योग का परिणाम भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर देखा जा सकता है। भारत के पूर्वी प्रदेशों में या पूर्वी देशों में रिक्टर स्केल पर 6.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप आने के योग बन रहे है। भारत के पश्चिमी राज्य अथवा पश्चिमी देशों में समुद्री चक्रवात के कारण जनहानि के योग भी इस अवधि में बन सकते है। पहले ही सावधानी रखने से नुकसान को टाला नहीं जा सकता, परन्तु कम जरूर किया जा सकता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मई 15 से लेकर 20 जून के मध्य का समय भारतीय और वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं का बना रहेगा है।

पंच ग्रहीय योग में वृश्चिक राशि पर गुरु की दृष्टि होने से इसके विपरित परिणाम में कमी आयेगी। परन्तु वृषभ राशि पूर्वी क्षेत्र उत्तरी क्षेत्र, पडोसी देशों की दिशा पर राहु और मंगल दो अशुभ ग्रहों का प्रभाव आने से पडोसी देशों पाकिस्तान और चीन से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। इस योग में राहु के शामिल होने से घात लगाकर बॉर्डर पर नुकसान पहुंचा सकता है।

भारत की कुंडली का द्वादश भाव मेष राशि, पर मेष राशि के मंगल का गोचर 4 जून को होने के कारण भारत का व्यय भाव यानी सीमाक्षेत्र सक्रिय हो जायेगा। व्यय का विस्तार 14 जुलाई तक अच्छा नहीं है। सीमा पर सैनिकों के लिए मंगल का गोचर प्रतिकूल रह सकता है।

संयोग से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है। 4 जून को वृश्चिक राशि पर 8 ग्रहों का प्रभाव रहेगा। चार जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम भी आना है। अतः चुनाव परिणाम अप्रत्याशित हों इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं।

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